MBA Chai Wala Success Story: 15 हजार से शुरू की चाय की दुकान, आज लाखों युवाओं की प्रेरणा बने प्रफुल्ल बिल्लोरे

MBA Chai Wala Success Story: आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे युवा की जिसने अपने सपनों को कभी मरने नहीं दिया। जब जिंदगी ने हर रास्ता बंद कर दिया तब उन्होंने खुद अपने लिए एक नया रास्ता बनाया। हम बात कर रहे हैं इंदौर के प्रफुल्ल बिल्लोरे की जिन्हें आज पूरी दुनिया MBA Chai Wala के नाम से जानती है। उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो असफलता के बाद हार मान लेता है।

बचपन से था बिजनेस करने का सपना

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में जन्मे प्रफुल्ल बचपन से ही बिजनेसमैन बनना चाहते थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की और लगातार तीन साल तक CAT जैसे कठिन एग्जाम की तैयारी की। लेकिन जब बार-बार असफलता मिली तो वे पूरी तरह से टूट गए। उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया और जिंदगी को बेकार समझने लगे। लेकिन कहते हैं न कि असली हीरा दबाव में ही चमकता है। कुछ ऐसा ही हुआ प्रफुल्ल के साथ।

मुश्किल वक्त ने सिखाया जिंदगी का असली सबक

लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने के बाद उन्होंने ठान लिया कि अब उन्हें जिंदगी में कुछ बड़ा करना है। उन्होंने अपने पिता से देश घूमने की इच्छा जताई और पूरे भारत का सफर शुरू कर दिया। आखिर में वे गुजरात पहुंचे और वहां मैक्डोनाल्ड में काम करने लगे। यहां काम करते हुए उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें किसी और के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए कुछ करना है।

बिना प्लान के शुरू किया चाय का बिजनेस

भारत घूमने के बाद प्रफुल्ल के मन में एक अनोखा आइडिया आया कि क्यों न चाय बेचने का बिजनेस शुरू किया जाए। हालांकि उन्हें डर था कि लोग क्या सोचेंगे लेकिन उन्होंने किसी की बात की परवाह नहीं की। उन्होंने अपने पिता से 15 हजार रुपये एक इंटरनेशनल कोर्स के नाम पर लिए और अहमदाबाद में एक छोटा सा चाय का स्टॉल लगा लिया। इस छोटी सी शुरुआत ने आगे चलकर उनकी किस्मत बदल दी।

शुरुआत में नहीं मिला ग्राहक लेकिन हिम्मत नहीं हारी

जब उन्होंने पहली बार स्टॉल लगाया तो कोई भी ग्राहक उनकी चाय पीने नहीं आता था। लेकिन प्रफुल्ल ने हार नहीं मानी। वे खुद चाय लेकर लोगों के पास जाते और उन्हें फ्री में चाय ऑफर करते। साथ ही वे ग्राहकों से अंग्रेजी में बात करते जिससे लोग प्रभावित होते। धीरे-धीरे लोग उनकी चाय और उनके आत्मविश्वास के फैन बन गए। उनकी दुकान पर भीड़ लगने लगी और उनके ग्राहक हर दिन बढ़ते गए।

पिता की बात मानकर किया MBA और फिर से शुरू किया काम

प्रफुल्ल ने अपने पिताजी को यह नहीं बताया था कि वे चाय बेच रहे हैं। जब उनके पिता ने पूछा तो उन्होंने एमबीए में एडमिशन लेने का बहाना किया और 50 हजार रुपये लेकर कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा और केवल सात दिन बाद उन्होंने तय कर लिया कि उन्हें फिर से चाय का बिजनेस शुरू करना है।

पहले किसी शिकायत की वजह से उनका स्टॉल बंद कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इस बार उन्होंने एक अस्पताल के पास नया ठिकाना ढूंढा और वहीं से नई शुरुआत की।

ऐसे बना ‘MBA Chai Wala’ ब्रांड

बिजनेस बढ़ने के साथ ही उन्हें अपनी दुकान के लिए एक यूनिक नाम की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने सोचा कि उनका नाम MBA Chai Wala होना चाहिए, जिसका मतलब है Mr Billore Ahmedabad। यह नाम इतना चर्चित हुआ कि लोग उन्हें इसी नाम से पहचानने लगे। आज उनके इस नाम से एक ब्रांड बन चुका है और उनका टर्नओवर करोड़ों में पहुंच चुका है।

आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बने प्रफुल्ल बिल्लोरे

आज MBA Chai Wala के देशभर में कई आउटलेट हैं और सैकड़ों लोग उनकी टीम में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई काम छोटा नहीं होता। 15 हजार से शुरू किया गया चाय का बिजनेस आज एक बड़ा ब्रांड बन चुका है।

उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि असफलता कभी अंत नहीं होती बल्कि नई शुरुआत का संकेत होती है। अगर आप भी अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं तो हिम्मत रखें और कदम बढ़ाएं क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है जो हार नहीं मानते।

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